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#14. इस दिवाली स्वस्तिक पग्लिया के साथ यह गलती करने से होगा भारी नुकसान
दिवाली पर स्वस्तिक पग्लिया का गलत उपयोग भारी नुकसान का कारण बन सकता है। दिवाली पर पग्लिया में स्वस्तिक लगाने से बचें। जानिए कैसे गलत तरीके से बनाई गई पग्लिया वास्तु दोष का कारण बनती हैं और सही तरीके से लक्ष्मी आगमन के उपाय।
Vastu Consultant: RishabhDev Jain
10/24/20241 min read
दिवाली पर स्वस्तिक पग्लिया लगाने में न करें ये बड़ी गलतियाँ
दिवाली के समय माँ लक्ष्मी के स्वागत के लिए हम अपने घरों के दरवाजों, सीढ़ियों और आंगन में पग्लिया (पैरों के निशान) लगाते हैं। पग्लिया देवी लक्ष्मी के आगमन का प्रतीक होती हैं, और लोग इन्हें बनाकर माँ लक्ष्मी को अपने घर बुलाते हैं। पर क्या आपने कभी सोचा है कि अगर पग्लिया में स्वस्तिक बनाया जाए और उसका सही उपयोग न हो, तो यह वास्तु दोष उत्पन्न कर सकता है?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, पग्लिया में स्वस्तिक का गलत उपयोग आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा ला सकता है। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि स्वस्तिक के साथ पग्लिया कैसे बनाई जानी चाहिए और इससे जुड़ी सामान्य गलतियाँ जो आपको नुकसान पहुंचा सकती हैं।
स्वस्तिक का महत्व
दिवाली पर पग्लिया देवी लक्ष्मी के पैरों के प्रतीक के रूप में बनती हैं, जो समृद्धि और शुभता का संकेत देती हैं। कई बार लोग स्वस्तिक के साथ पग्लिया बनाते हैं, क्योंकि स्वस्तिक भी मंगलकारी चिन्ह है। स्वस्तिक को चार दिशाओं में बनाया जा सकता है, और यह चार मुख्य तत्वों—धर्म, अर्थ, काम, और मोक्ष—का प्रतिनिधित्व करता है। लेकिन इसका सही उपयोग न करने पर यह दोष बन सकता है।
स्वस्तिक का उपयोग प्राचीन समय से धार्मिक कार्यों, पूजा-पाठ, गृह प्रवेश, और दिवाली जैसे प्रमुख त्योहारों पर किया जाता रहा है। इसका सही ढंग से प्रयोग करने से वास्तु दोष कम होते हैं और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
दिवाली पर स्वस्तिक की सजावट
दिवाली पर लोग अपने घर के मुख्य द्वार, दीवारों, पूजा स्थान, और सीढ़ियों पर स्वस्तिक बनाते हैं। यह माँ लक्ष्मी के स्वागत का प्रतीक होता है। साथ ही, इसे घर के दरवाजे पर लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है।
लेकिन एक महत्वपूर्ण बात यह है कि हमें स्वस्तिक का सम्मान करना चाहिए। स्वस्तिक के ऊपर जूते-चप्पल या कदम रखने से यह दोष का कारण बनता है, जो आपकी दिवाली को अशुभ बना सकता है। इसीलिए स्वस्तिक को सही जगह पर और सही तरीके से लगाना अत्यंत आवश्यक है।
स्वस्तिक के साथ होने वाली सामान्य गलतियाँ
1. स्वस्तिक को दरवाजे की दहलीज़ पर लगाना:
बहुत से लोग घर की दहलीज़ पर स्वस्तिक बनाते हैं, जहाँ लोग इसे पैरों से रौंदते हैं। यह वास्तु दोष उत्पन्न करता है क्योंकि स्वस्तिक का अपमान माना जाता है। स्वस्तिक को ऐसी जगह लगाना चाहिए जहाँ उस पर पैरों का स्पर्श न हो।
2. स्वस्तिक पर जूते-चप्पल रखना:
लोग अक्सर स्वस्तिक के ऊपर जूते-चप्पल रखते हैं, जो वास्तु शास्त्र के अनुसार एक गंभीर गलती है। यह माँ लक्ष्मी का अपमान करने जैसा है, जिससे घर में नकारात्मक ऊर्जा और आर्थिक समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
3. स्वस्तिक का गलत दिशा में होना:
हालांकि स्वस्तिक हर दिशा में बनाया जा सकता है, लेकिन इसे ऐसी जगह न लगाएँ जहाँ स्वस्तिक का अपमान हो, जैसे ज़मीन पर या जूतों के पास। इसकी ऊँचाई और स्थान का विशेष ध्यान रखें।
वास्तु शास्त्र के अनुसार स्वस्तिक का सही उपयोग
1. स्वस्तिक की सही दिशा:
वास्तु शास्त्र के अनुसार, स्वस्तिक हर दिशा में बनाया जा सकता है, लेकिन इसे सम्मानजनक स्थान पर लगाना ज़रूरी है। चाहे उत्तर हो, पूर्व, पश्चिम या दक्षिण, इसे घर के प्रमुख हिस्सों जैसे मुख्य द्वार, पूजा कक्ष या दीवारों पर बनाएं। स्वस्तिक को ऊंची जगह पर बनाना शुभ माना जाता है ताकि इसका अपमान न हो।
2. स्वस्तिक का आकार और रंग:
स्वस्तिक को लाल रंग में बनाना शुभ होता है। आप इसे हल्दी या कुमकुम से बना सकते हैं, क्योंकि यह शुभता और समृद्धि का प्रतीक होता है। स्वस्तिक का आकार भी स्पष्ट और साफ होना चाहिए, ताकि इसका पूरा असर हो सके।
3. स्वस्तिक की पूजा:
स्वस्तिक को केवल एक चिन्ह मानना गलत है। इसे पूजा की प्रक्रिया का हिस्सा बनाना चाहिए। इसके सामने दीपक जलाएं, फूल चढ़ाएं और शुभ मंत्रों का उच्चारण करें, ताकि यह घर में सकारात्मकता लाए और सभी दोषों का नाश हो।
दिवाली पर स्वस्तिक लगाते समय ध्यान रखने योग्य बातें
स्वस्तिक को हमेशा ऊँची जगह पर लगाएँ, जहाँ कोई व्यक्ति उस पर पैर न रख सके।
दरवाजे की दहलीज़ पर स्वस्तिक न बनाएं। इसकी जगह आप इसे दरवाजे के दोनों ओर या ऊपर की तरफ लगा सकते हैं।
स्वस्तिक के पास कोई जूते-चप्पल न रखें, ताकि इसका अपमान न हो।
अगर आप किसी वस्त्र पर स्वस्तिक बनाते हैं, तो उसे पूजा में ही इस्तेमाल करें और रोज़मर्रा की चीजों में इसका उपयोग न करें।
स्वस्तिक और सकारात्मक ऊर्जा
स्वस्तिक को सही जगह पर लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, स्वस्तिक का सही उपयोग आपके घर को समृद्धि, स्वास्थ्य और शांति प्रदान करता है। यह परिवार के सदस्यों के बीच संबंधों को भी मजबूत करता है और मानसिक शांति लाता है।
स्वस्तिक का इस्तेमाल घर के मुख्य द्वार पर, पूजा कक्ष में, और व्यापारिक स्थानों पर करने से सफलता और तरक्की मिलती है। यह आपको बुरी नजर और नकारात्मक शक्तियों से भी बचाता है।
दिवाली पर पग्लिया में स्वस्तिक लगाते समय की जाने वाली सामान्य गलतियाँ
स्वस्तिक पग्लिया को दहलीज़ पर न बनाएं: इससे माँ लक्ष्मी के आगमन का सही मार्ग अवरुद्ध हो सकता है।
स्वस्तिक पग्लिया पर कदम रखना या जूते-चप्पल रखना: यह वास्तु दोष उत्पन्न करता है और समृद्धि की जगह नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाता है।
स्वस्तिक का गलत स्थान पर प्रयोग: पग्लिया के साथ स्वस्तिक का सही स्थान पर होना बहुत ज़रूरी है।
दिवाली पर वास्तु दोष से बचने के लिए उपाय
1. माँ लक्ष्मी की पूजा:
स्वस्तिक के साथ माँ लक्ष्मी की पूजा करें, ताकि आपका घर धन-धान्य से भरा रहे। स्वस्तिक का सही उपयोग आपको वास्तु दोषों से बचा सकता है और आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा ला सकता है।
2. मुख्य द्वार की सफाई:
दिवाली से पहले अपने घर के मुख्य द्वार की अच्छे से सफाई करें और वहां स्वस्तिक बनाएं। इससे घर में माँ लक्ष्मी का आगमन होता है और समृद्धि बनी रहती है।
3. सही तरीके से दीपक जलाना:
स्वस्तिक के पास दीपक जलाएं और ध्यान रखें कि वह दीपक पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखा हो। इससे आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होगा।
निष्कर्ष
इस दिवाली पर, स्वस्तिक का सही उपयोग करके आप अपने घर में सुख, शांति और समृद्धि को बढ़ा सकते हैं। स्वस्तिक मंगलकारी और शुभता का प्रतीक है, और इसका अपमान न करके आप माँ लक्ष्मी का सही स्वागत कर सकते हैं। यह छोटी-सी गलती आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा ला सकती है, इसलिए इस दिवाली पर वास्तु के नियमों का पालन करें और स्वस्तिक का सही स्थान और दिशा सुनिश्चित करें।
अगर आपको यह जानकारी उपयोगी लगी हो, तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ ज़रूर साझा करें ताकि वे भी इस गलती से बच सकें और अपनी दिवाली को शुभ बना सकें!
FAQs
1. स्वस्तिक को दिवाली पर कहाँ लगाना चाहिए?
स्वस्तिक को घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर या ऊपरी हिस्से में लगाना चाहिए। इसे उत्तर या पूर्व दिशा में लगाना शुभ होता है।
2. क्या स्वस्तिक पर कदम रखना दोष उत्पन्न करता है?
हाँ, स्वस्तिक पर कदम रखना वास्तु दोष का कारण बनता है और इससे नकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सकता है।
3. क्या मैं स्वस्तिक को किसी भी रंग में बना सकता हूँ?
स्वस्तिक को लाल रंग में बनाना शुभ माना जाता है, लेकिन आप इसे हल्दी या कुमकुम से भी बना सकते हैं।
4. क्या पग्लिया में स्वस्तिक का उपयोग शुभ होता है?
हाँ, पग्लिया में स्वस्तिक का उपयोग शुभ माना जाता है, लेकिन इसे सही दिशा और स्थान पर बनाना ज़रूरी है।
5. क्या स्वस्तिक पग्लिया को दहलीज़ पर बनाना सही है?
नहीं, स्वस्तिक पग्लिया को दहलीज़ पर बनाना वास्तु दोष उत्पन्न कर सकता है क्योंकि यह पैरों के नीचे आ सकता है।
6. स्वस्तिक पग्लिया किस रंग से बनानी चाहिए?
स्वस्तिक पग्लिया को लाल रंग, हल्दी या कुमकुम से बनाना सबसे शुभ माना जाता है।
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