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#2. वास्तु क्यों असफल होता है: सामान्य गलतियाँ और उनके परिणाम
यह लेख उन स्थितियों के बारे में बताता है जहाँ शुभ वास्तु के अनुसार भवन निर्माण करने के बावजूद आपको अच्छे परिणाम नहीं मिलते। यह वास्तु पूजा के महत्व को उजागर करता है।
Vastu Consultant: RishabhDev Jain
9/3/20241 min read
घर में प्रवेश से पहले आवश्यक वास्तु नियम
भारतीय परंपराओं और धार्मिक ग्रंथों में घर में प्रवेश से पहले कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन करना अनिवार्य बताया गया है। नारद पुराण के अनुसार (नारदपुराण, पूर्व ५६।६१९), बिना दरवाजा लगाए, बिना छतवाला घर, बिना देवताओं को नैवेद्य चढ़ाए और बिना ब्राह्मण-पंडितों को भोजन कराए घर में प्रवेश नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से घर में विपत्तियों का वास हो सकता है और जीवन में अनेक प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
दरवाजे का महत्व
वास्तु शास्त्र में मुख्य दरवाजे का विशेष महत्व है। यह केवल एक प्रवेश द्वार नहीं होता, बल्कि सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा का प्रमुख मार्ग भी होता है। बिना दरवाजा लगाए घर में प्रवेश करने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो सकता है, जो परिवार के सदस्यों के जीवन में अस्थिरता और अशांति ला सकता है। इसलिए, घर के निर्माण के दौरान दरवाजे का सही स्थान और दिशा का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है।
छत का महत्व
छत का निर्माण घर के संरचनात्मक स्थिरता और सुरक्षा का प्रतीक है। बिना छतवाला घर अधूरा और असुरक्षित माना जाता है। छत का पूरा होना घर में सुरक्षा और स्थिरता का प्रतीक है। बिना छत के घर में प्रवेश करने से घर की संरचना में अस्थिरता आ सकती है, जिससे परिवार के सदस्यों को शारीरिक और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है।
देवताओं को नैवेद्य चढ़ाना
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में देवताओं की पूजा और नैवेद्य चढ़ाना अनिवार्य होता है। यह घर को सकारात्मक ऊर्जा से भरने और देवताओं की कृपा प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण उपाय है। बिना पूजा और नैवेद्य चढ़ाए घर में प्रवेश करने से शुभ फल प्राप्त नहीं होते और घर में अशांति और असंतोष का माहौल बन सकता है।
ब्राह्मण और पंडितों को भोजन कराना
भारतीय संस्कृति में ब्राह्मणों और पंडितों को भोजन कराना एक महत्वपूर्ण धार्मिक परंपरा है। यह केवल धार्मिक कर्तव्य ही नहीं है, बल्कि इसे घर में शुभता और समृद्धि लाने का भी एक महत्वपूर्ण उपाय माना जाता है। बिना ब्राह्मणों को भोजन कराए घर में प्रवेश करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का अभाव हो सकता है और परिवार के सदस्यों को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
निष्कर्ष
नारदपुराण में उल्लिखित इन नियमों का पालन करना न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह जीवन में सुख-शांति और समृद्धि बनाए रखने के लिए भी आवश्यक है। दरवाजा, छत, देवताओं को नैवेद्य चढ़ाना और ब्राह्मणों को भोजन कराना—ये सभी कदम घर में प्रवेश से पहले सुनिश्चित करने चाहिए, ताकि घर एक सुखमय और समृद्धिपूर्ण स्थान बने। इन आवश्यकताओं की अनदेखी करना जीवन में विपत्तियों को आमंत्रित कर सकता है, जैसा कि प्राचीन ग्रंथों में वर्णित है।


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