#8. पितृ पक्ष में पूर्वजों की शांति के लिए वास्तु अनुसार फोटो की सही दिशा का महत्व

**पितृ पक्ष में पूर्वजों की शांति के लिए जरूरी है न केवल पूजा और दान, बल्कि उनके चित्रों की सही दिशा भी! क्या आपके घर में पूर्वजों की तस्वीरें सही दिशा में हैं? जानिए कैसे गलत दिशा से वास्तु और पितृ दोष उत्पन्न हो सकता है, और इसे सुधारने के सरल वास्तु उपाय। पूरी जानकारी के लिए ब्लॉग पढ़ें और अपने पूर्वजों को शांति प्रदान करें।**

Vastu Consultant: RishabhDev Jain

9/20/20241 min read

पितृ पक्ष में पूर्वजों की शांति के लिए वास्तु अनुसार फोटो की सही दिशा का महत्व

पितृ पक्ष का समय हमारे पूर्वजों की शांति और मोक्ष के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। इस दौरान हम श्राद्ध, पिंड दान, पूजा, और दान आदि कर्मकांडों द्वारा अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आपके घर में पूर्वजों की तस्वीरें सही दिशा में हैं या नहीं?

वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूर्वजों का स्थान दक्षिण-पश्चिम (Southwest) दिशा में होता है। यह दिशा हमारे पितरों की होती है और इस दिशा में उनके चित्रों को रखना अनिवार्य होता है। परंतु, तस्वीरों की दिशा मात्र सही जोन में रखने से पूरी नहीं होती; सबसे महत्वपूर्ण है चित्रों का मुख किस दिशा में है।

चित्रों का दक्षिण दिशा की ओर मुख करना जरूरी

वास्तु शास्त्र में यह स्पष्ट कहा गया है कि पूर्वजों की तस्वीरें केवल दक्षिण दिशा की ओर मुख करके ही होनी चाहिए। अगर ये तस्वीरें किसी अन्य दिशा में हों तो यह वास्तु दोष और पितृ दोष का कारण बन सकता है। इसलिए यदि आपके घर में पूर्वजों की तस्वीरें किसी अन्य दिशा में हैं, तो तुरंत उन्हें सही कर लें।

पितृ दोष और इसके निवारण का वास्तु उपाय

अगर तस्वीरें गलत दिशा में हों, तो इसका असर पितृ दोष के रूप में सामने आ सकता है, जो परिवार की सुख-शांति में बाधा डाल सकता है। इसे सुधारने के लिए आपको दक्षिण-पश्चिम दिशा में ही तस्वीरें रखनी होंगी और उनका मुख दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए। यह छोटा सा बदलाव आपके पितरों की आत्मा को शांति प्रदान कर सकता है और आपके घर में सुख-समृद्धि ला सकता है।

इस पितृ पक्ष में, केवल पिंड दान और श्राद्ध कर्मों तक सीमित न रहें। अपने घर में पूर्वजों की तस्वीरों की दिशा और उनका स्थान भी ठीक करें ताकि वास्तु और पितृ दोष से बचा जा सके।